मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान :-
मध्यप्रदेश वन सम्पदा एवं वन्य जीवो की दृष्टि से संपन्न राज्य है। अतः मप्र में वन्य जीवों को प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य स्थापित किए गए है। राष्ट्रीय उद्यान केंद्र सरकार के अधीन होते है।
- वर्तमान में मप्र में राष्ट्रीय उद्यान की संख्या 12 (कुनो - पालपुर {श्योपुर} के राष्ट्रीय उद्यान घोषित होने के बाद) है।
- इनमे से 6 राष्ट्रीय उद्यान - कान्हा किसली , बांधवगढ़ , पन्ना , पेंच , सतपुड़ा , संजय राष्ट्रीय उद्यान तथा 1 वन्य जीव अभ्यारण्य रातापानी अभ्यारण्य (रायसेन) प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल है।
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मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान |
- कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान (मंडला) - सबसे बड़ा
- स्थान - मंडला
- 1933 में कान्हा किसली अभ्यारण्य की स्थापना की गई थी जिसे 1955 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
- यह मप्र का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है।
- इसे सर्वप्रथम 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
- क्षेत्रफल - 940 वर्ग किमी।
- होलो घाटी और बंजर घाटी इसी उद्यान में है।
- यहां अमेरिका के सहयोग से पार्क इंटरप्रिटेशन योजना चल रही है
- यहां हवाई पट्टी की व्यवस्था की गई है।
- इसमें बाघ , चीतल , बारहसिंगा (ब्रेडरी प्रजाति) , नीलगाय , सांभर आदि पाए जाते है।
- यह देश का पहला ऐसा उद्यान है जिसका अपना मैस्कट (शुभंकर) जारी किया है। शुभंकर का नाम भूरसिंह द बारहसिंगा है।
- बैगा महिलाएं गाइड का काम करती है।
2. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (उमरिया) :-
- स्थान - उमरिया।
- स्थापना - 1968
- क्षेत्रफल - 437 वर्ग किमी।
- यह राष्ट्रीय उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
- इस उद्यान में सर्वाधिक बाघ घनत्व है। यहां प्रत्येक 8 किमी पर 1 बाघ है।
- इसे 1993 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
- इसमें बाघ , तेंदुए , चीतल , बारहसिंगा , चिंकारा , नीलगाय , सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते है।
- यह उद्यान सफेद शेरो के लिए प्रसिद्ध है।
- मप्र के कान्हा किसली तथा बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को जंगल गलियारा योजना के अंतर्गत जोड़ने का प्रस्ताव है।
3. पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (पन्ना) :-
- स्थान - पन्ना
- स्थापना - 1981
- क्षेत्रफल - 543 वर्ग किमी।
- रेप्टाइल पार्क इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।
- इसमें जंगली भेंसो की संख्या सर्वाधिक है।
- इसे 1994 - 95 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
- इसमें बाघ , तेंदुए , चीतल , बारहसिंगा , चिंकारा , नीलगाय , सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते है।
4. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान (होशंगाबाद) :-
- स्थान - होशंगाबाद
- स्थापना - 1981
- क्षेत्रफल - 528 वर्ग किमी।
- इसे 1999 - 2000 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
- इस उद्यान में कृष्ण मृग बहुतायत में पाए जाते है।
- इसमें बाघ , तेंदुए , चीतल , बारहसिंगा , चिंकारा , नीलगाय , सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते है।
5. संजय (डुबरी) राष्ट्रीय उद्यान (सीधी) :-
- स्थान - सीधी
- स्थापना - 1981
- क्षेत्रफल - 466.7 वर्ग किमी। इसका विस्तार मप्र तथा छत्तीसगढ़ दोनों राज्यो में है। विभाजन से पूर्व इसका क्षेत्रफल 1938 वर्ग किमी था। विभाजन से पूर्व यह सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला राष्ट्रीय उद्यान था।
- इसे 2008 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
- इसमें बाघ , तेंदुए , चीतल , बारहसिंगा , चिंकारा , नीलगाय , सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते है।
6. पेंच राष्ट्रीय उद्यान (सिवनी / छिंदवाड़ा) :-
- स्थान - सिवनी / छिंदवाड़ा
- स्थापना - 1975
- क्षेत्रफल - 293 वर्ग किमी।
- इसका नया नाम इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी राष्ट्रीय उद्यान है।
- इसी उद्यान में मोगलीलैंड की स्थापना की गई है।
- यह 1992 - 93 में प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया।
- इसमें बाघ , तेंदुए , चीतल , बारहसिंगा , चिंकारा , नीलगाय , सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते है।
- यहां कृष्ण मृगो की संख्या सर्वाधिक है।
- यह विश्व बैंक सात अभ्यारण्य संरक्षण योजनाओं में शामिल है।
7. माधव राष्ट्रीय उद्यान (शिवपुरी) :-
- स्थान - शिवपुरी
- स्थापना - 1958-59
- क्षेत्रफल - 337 वर्ग किमी।
- इस राष्ट्रीय उद्यान NH-3 (आगरा - मुंबई राजमार्ग) पर स्थित है।
- जार्ज केसल महल तथा सांख्य राजे सागर झील इसी उद्यान में है।
- इसमें बाघ , तेंदुए , चीतल , बारहसिंगा , चिंकारा , नीलगाय , सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते है।
- यह राष्ट्रीय उद्यान वनीय सघनता एवं पक्की सड़को के लिए जाना जाता है।
8. वन विहार राष्ट्रीय उद्यान (भोपाल) :-
- स्थान - भोपाल
- स्थापना - 1979
- क्षेत्रफल - 4.45 वर्ग किमी।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में सर्प उद्यान की स्थापना की गई है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान को आधुनिक चिड़िया घर भी कहा जाता है।
- इसमें बाघ , तेंदुए , चीतल , बारहसिंगा , चिंकारा , नीलगाय , सांभर आदि वन्य जीव पाए जाते है।
- यह ISO 9001:2008 अवार्ड पाने वाला देश का पहला राष्ट्रीय उद्यान है।
- वन्य प्राणियों को गोद लेने की प्रथा इसी राष्ट्रीय उद्यान से प्रारंभ की गई।
- यह एक मात्रा ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो शहर के मध्य में स्थित है।
9. जीवाश्म/फाॅसिल राष्ट्रीय उद्यान (डिंडोरी)- सबसे छोटा
- स्थान - डिंडोरी
- स्थापना - 1983
- क्षेत्रफल - 0.27 वर्ग किमी।
- यह राष्ट्रीय उद्यान भारत के 4 जीवाश्म उद्यानों में से एक है।
- यह वनस्पति जीवाश्म को संरक्षित किया गया है।
10. डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान (धार) :-
- स्थान : धार
- यहां पर डायनासोर के जीवाश्म को संरक्षित किया गया है।
11. ओम्कारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान (खंडवा) :-
- प्रस्तावित (2004)
12. कुनो - पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (श्योपुर) :-
- स्थान - श्योपुर
- स्थापना - 2018 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित (पहले यह एक अभ्यारण्य था।)
- क्षेत्रफल - 748.76 वर्ग किमी।
महत्वपूर्ण तथ्य :-
- देश में सबसे अधिक राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य मप्र में है।
- प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण्य नोरदेही है , जो सागर व दमोह में (1194 वर्ग किमी) है।
- सबसे छोटा अभ्यारण्य रालामंडल (5 वर्ग किमी) , इंदौर है।
- सरदारपुर (धार) तथा सैलाना (रतलाम) खरमोर पक्षी के संरक्षण के लिए है।
- करेरा (शिवपुरी) तथा घाटीगांव (ग्वालियर) अभ्यारण्य में सोन चिड़िया का संरक्षण किया जाता है। {Trick - सोने का कंघा , सोने= सोन चिड़िया , कंघा = करेरा और घाटीगांव}
- चंबल (मुरैना) , केन (छतरपुर) , सोन (सीधी व शहडोल) अभ्यारण्य में घड़ियाल पाए जाते है। {Trick - घड़ियाल चोकस है , चोकस = चंबल , केन , सोन}
- राज्य के राष्ट्रीय उद्यान में सर्वाधिक पाया जाने वाला पशु चीतल है।
- विश्व में प्रोजेक्ट टाइगर के जन्मदाता गेनी मेनफोर्ड जबकि भारत में कैलाश सांखला है।
- विश्व तथा भारत में प्रोजेक्ट टाइगर परियोजना 1973 में प्रारंभ हुई।
- जंगल गलियारा योजना के अंतर्गत कान्हा किसली व बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को जोड़ने का प्रस्ताव है।
- कुनो - पालपुर अभ्यारण्य में गिर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात) से एशियाई शेरो को स्थानांतरण करने का प्रस्ताव है।
- मप्र में 3 जैवमंडल (बायोस्फीयर रिजर्व) है -
- पचमढ़ी (1999) - होशंगाबाद + बैतूल + छिंदवाड़ा
- अमरकंटक अचानकमार (2005) - डिंडोरी + अनूपपुर + बिलासपुर ( मप्र तथा छत्तीसगढ़ में)
- पन्ना (2011) - पन्ना + छतरपुर
- मप्र के सतना जिले के मुकुंदपुर में व्हाइट टाइगर सफारी का निर्माण किया गया है।
- भारत का सबसे छोटा पक्षी फुलचुकी एवं सबसे पड़ा पक्षी सारस दोनों मप्र में पाए जाते है।
- मप्र में कुल 7 टाइगर रिजर्व है।
- रातापानी अभ्यारण्य को 2012 में टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया।
- मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है , यहां पर कुल 526 बाघ है।
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