मध्यप्रदेश का भौगोलिक विभाजन :-
मध्यप्रदेश गोंडवानालैण्ड का भाग है। इसका भौगोलिक विस्तार 21°6' से 26°30' उत्तरी अक्षांश तक तथा 74°9' से 82°48' पूर्वी देशांतर तक है। मध्यप्रदेश का क्षेत्रफल 308252 वर्ग किमी है जो देश के कुल क्षेत्रफल का 9.38% है। मध्यप्रदेश की उत्तर से दक्षिण तक लंबाई 605 किमी तथा पूर्व से पश्चिम तक लंबाई 870 किमी है।
मध्यप्रदेश को भौगोलिक दृष्टि से 3 भागो में बांटा गया है -
- मध्य उच्च प्रदेश :-
- मालवा का पठार
- मध्यभारत का पठार
- बुंदेलखंड का पठार
- रीवा - पन्ना का पठार
- नर्मदा सोन घाटी
- सतपुड़ा श्रेणी प्रदेश :-
- पश्चिमी सतपुड़ा श्रेणी
- पूर्वी सतपुड़ा श्रेणी
- मैकाल श्रेणी
- पूर्वी पठार :-
- बघेलखंड का पठार
- मालवा का पठार :-
- यह मध्यप्रदेश के उत्तर में स्थित है।
- यह मालवा के कुल क्षेत्रफल का 28% है।
- इस पठार की सबसे ऊंची चोटी सिगार की चोटी (881 मी.) है तथा दूसरी सबसे ऊंची चोटी जानापाव है।
- इस पठार का निर्माण दक्कन ट्रैप की लावा तथा बेसाल्ट चट्टानों के स्थिरीकरण से हुआ है।
- इसी कारण इस क्षेत्र में मुख्यत: काली मिट्टी पाई जाती है।
- मालवा के पठार को गेहूं ढिल्लिया पठार भी कहा जाता है।
- मालवा के पठार की जलवायु को विश्व की श्रेष्ठ जलवायु कहा जाता है। अतः यहां सम जलवायु पाई जाती हैं।
2. मध्य भारत का पठार :-
- इस पठार को चंबल का उप आद्र प्रदेश भी कहा जाता है।
- यह मध्यप्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 10.7% है।
- इसका निर्माण मुुख्यतः विंध्य शैल समूह के अपरदन तथा चंबल नदी के निक्षेपो से हुआ है।
- इसके अंतर्गत भिंड , मुरैना , श्योपुर , ग्वालियर , शिवपुरी , गुना , नीमच व मंदसौर जिले आते है।
3. बुंदेलखंड का पठार :-
- यह मध्यप्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 7.6% है।
- इस पठार की सबसे ऊंची चोटी सिद्ध बाबा की चोटी (1172 मी.) है।
- इसका निर्माण केंब्रियन युग की ग्रेनाइट , नीस की चट्टानों तथा विंध्य क्रम के शैल समूहों से हुआ है।
- इस पठार में लाल - पीली तथा काली मिट्टी पाई जाती है।
- बेतवा नदी इस पठार की जीवनरेखा कहलाती है।
4. रीवा - पन्ना का पठार :-
- यह मध्यप्रदेश के कुल क्षेत्रफल 10.36% है।
- इसका निर्माण कडप्पा और विंध्य शैल समूह के अपरदन से हुआ है।
- इस क्षेत्र में बलुआ पत्थर की प्रधानता है।
- इस क्षेत्र का प्रमुख खनिज हीरा है।
5. पूर्वी पठार या बघेेेेलखंड का पठार :-
- इस पठार का क्षेत्रफल 7% है।
- इसका निर्माण आद्य महाकल्प तथा जुरैसिक काल के शैल समूहों से हुआ है।
- मध्यप्रदेश की उर्जा राजधानी बैढ़न (सिंगरौली) इसी पठार में स्थित है।
- इस क्षेत्र में लाल मिट्टी पाई जाती है।
6. नर्मदा सोन घाटी :-
- यह मालवा तथा रीवा - पन्ना पठार के दक्षिण में स्थित है तथा सतपुड़ा मैकाल श्रेणी के उत्तर में स्थित है।
- यह भारत की सबसे बड़ी रिफ्ट वैली है।
- यह मध्यप्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 26% है।
- इसका निर्माण पश्चिम में दक्कन ट्रैप की चट्टानों से तथा पूर्व में धारवाड़ एवम् विंध्य क्रम की चट्टानों से हुआ है।
- नर्मदा घाटी , सतपुड़ा एवम् विंध्याचल के मध्य स्थित है।
7. सतपुड़ा - मैैकाल श्रेणी :-
- यह श्रेणी नर्मदा घाटी के दक्षिण में नर्मदा के समांतर स्थित है।
- इस श्रेणी के 3 उपविभजक है - 1) राजपीपला श्रेणी 2) मध्य श्रेणी (ग्वालीगढ़ श्रेणी व महादेव श्रेणी) 3) मैकाल श्रेणी।
- यह मध्यप्रदेश के क्षेत्रफल का 11% है।
- महादेव श्रेणी में स्थित धूपगढ़ (1350 मी.) इस क्षेत्र के साथ साथ मध्यप्रदेश की भी सबसे ऊंची चोटी है।
- इसका निर्माण दक्कन ट्रैप की चट्टानों के साथ साथ आर्कियन एवम् धारवाड़ क्रम की चट्टानों से हुआ है।
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