मध्यप्रदेश की नदियां :-
मध्यप्रदेश में पठार एवम् पहाड़ी क्षेत्रों की अधिकता के कारण यहां कई नदियों का उद्गम है , इसलिए इसे नदियों का मायका भी कहा जाता है। मध्यप्रदेश में 207 छोटी - बड़ी नदियां प्रवाहित होती है।
प्रमुख नदियां :-
- नर्मदा : -
- उद्गम - अनूपपुर जिले में मैकल पर्वत श्रेणी की अमरकंटक पहाड़ी पर स्थित नर्मदा कुंड से।
- इसे मध्यप्रदेश की जीवनरेखा कहा जाता है।
- इसे मप्र की गंगा कहा जाता है।
- यह भारत की 5 वीं सबसे बड़ी नदी है।
- इसकी कुल लंबाई 1312 किमी है , तथा मप्र में इसकी लंबाई 1077 किमी है।
- यह खम्बात की खाड़ी में एश्चुरी बनाते हुए गिरती है।
- नर्मदा नदी का अपवाह तंत्र वृक्षाभ प्रणाली वाला है।
- इसे भुगोलविद टालमी ने नामोदास कहा है।
- अन्य नाम - रेवा , सोमोदेवी , मेकलसुता आदि।
- इसकी कुल 41 सहायक नदियां है।
- सहायक नदियां - कुंदी , शेर , हिरन , दुधी , हथनी , बंजर , शक्कर , तवा , छोटी तवा , बारना , तिंदोनी , उटी , चंद्रकेशर , मान , गंजल आदि।
- तवा नर्मदा की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- मई 2017 में नर्मदा को जीवित नदी का दर्जा दिया गया।
- प्रमुख परियोजनाएं - इंदिरा सागर (पुनासा - खंडवा) , सरदार सरोवर (गुजरात) , ओम्कारेश्वर (खंडवा) , महेश्वर (खरगोन) , आदि।
- मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ अभियान से जुड़ी है।
- चंबल :-
- उद्गम - इंदौर जिले के महू के पास विंध्याचल क्षेत्र में स्थित जानापाव पहाड़ी (854 मी.) से।
- अन्य नाम - चर्मणवती या चर्मावती।
- यह उप्र में इटावा जिले में यमुना नदी में मिलती है।
- यह मप्र और राजस्थान की सीमा बनाती है।
- कुल लंबाई - 965 किमी।
- जलप्रपात - चुलिया , पातालपानी।
- सहायक नदियां - क्षिप्रा , कालीसिंध , पार्वती , मेज और बनास।
- परियोजनाएं - गांधी सागर (मंदसौर) , राणाप्रताप सागर (चित्तौड़गढ़) , जवाहर सागर (कोटा)।
- राज्य की प्रथम विद्धूत परियोजना गांधी सागर चंबल नदी पर बनाई मंदसौर में बनाई गई।
- सोन :-
- उद्गम - अनूपपुर जिले में अमरकंटक के पठार से नर्मदा के उद्गम स्थल के निकट सोनकुंड नामक स्थान से।
- अन्य नाम - हिरण्य , शोन , सोनभद्र व सुवर्ण नदी भी कहा जाता है।
- वाल्मीकि की रामायण में इसे सुभागधी कहा गया है।
- कुल लंबाई - 780 किमी।
- सहायक नदी - रिहंद , गोपबनास , जोहिला।
- परियोजना - बाणसागर परियोजना
- यह पटना के निकट दीनापुर में गंगा नदी में मिल जाती है।
- इस नदी पर डेहरी आन सोन (बिहार) में भारत का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे पुल नेहरू सेतु स्थित है। भारत का सबसे लंबा रेलवे पुल बेंबनाद केरल में स्थित है।
- ताप्ती :-
- उद्गम - मप्र के बैतूल जिले में मुल्ताई के निकट से।
- इसे सूर्य पुत्री भी कहा जाता है।
- लंबाई - 724 किमी।
- यह नदी नर्मदा नदी के समांतर पूर्व से पश्चिम दिशा में बहती हुई गुजरात में खम्बात की खाड़ी में गिरती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदी पूर्णा है।
- इस नदी पर 7 पौराणिक कुंड स्थित है।
- माही :-
- उद्गम - धार जिले की सरदारपुर तहसील के समीप मिंडा गांव की मेहद झील से हुआ है।
- कुल लंबाई - 520 किमी।
- यह कर्क रेखा को 2 बार काटती है तथा पश्चिम की ओर बहते हुए खम्बात की खाड़ी में गिर जाती है।
- इस नदी पर राजस्थान में जयसमन्द झील है।
- बेतवा :-
- उद्गम - रायसेन के कुमरा गांव से।
- लंबाई - 480 किमी।
- प्राचीन नाम - बेत्रवती।
- इसे मप्र की गंगा(प्रदूषण स्तर के आधार पर) भी कहा जाता है।
- यह उप्र में हमीरपुर के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
- यह मप्र व उप्र की सीमा बनाती है।
- सहायक नदियां - बीना , धसान तथा जामनी।
- बांध - माताटीला (रानीलक्ष्मी बाई) बांध इस नदी पर बनाया गया है।
- सिंचाई हेतु हलाली और भाण्डेर नहर का निर्माण इस नदी पर किया गया है।
- केन- बेतवा लिंक भारत की प्रथम नदी जोड़ो परियोजना है।
- इसकी सहायक नदी बीना पर सागर के पास राहतगढ़ जलप्रपात तथा भालकुंड जलप्रपात बनाती है।
- इसे बुंदेलखंड की जीवनरेखा भी कहा जाता है।
- सिंध :-
- उद्गम - विदिशा जिले की सिरोंज के निकट से।
- यह मप्र के गुना जिले को 2 बराबर भागों में बांटती है।
- यह उप्र के इटावा के पास यमुना नदी में मिल जाती है।
- लंबाई - 470 किमी।
- सहायक नदी - ताहुज , कुवारी , महुरी आदि।
- यह नदी पालपुर - कुनो - अभ्यारण्य में बहती है।
- केन :-
- उद्गम - विंध्याचल पर्वत माला में कटनी के समीप कैमूर पहाड़ी से।
- अन्य नाम - शुक्तिमती , कर्णवती , दिर्णावती।
- कुल लंबाई - 427 किमी।
- यह उत्तर की ओर बहती हुई यमुना नदी में मिल जाती है।
- सहायक नदियां - सोनार , उर्मिल , आदि।
- इसके किनारे पर पन्ना नगर बसा है।
- धसान :-
- उद्गम - रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील से।
- यह बेतवा की सहायक नदी है।
- कुल लंबाई - 365 किमी
- इस नदी पर लेहचुरा बांध बनाया गया है।
- टोंस :-
- उद्गम - सतना जिले में मैहर के निकट कैमूर पहाड़ी में स्थित तमसाकुंड नामक जलाशय से।
- इसलिए इसे तमसा नदी भी कहते है।
- यह उप्र में सिरसा के पास गंगा में मिल जाती है।
- कुल लंबाई - 265 किमी।
- सहायक नदियां - बेलन , बीहड़।
- क्षिप्रा :-
- उद्गम - इंदौर जिले में स्थित काकरी - बरड़ी पहाड़ी से।
- इसे मालवा की गंगा भी कहा जाता है।
- सहायक नदियां - खान , गंभीर आदि।
- कुल लंबाई - 195 किमी।
- यह उज्जैन , रतलाम , मंदसौर से बहती हुई चंबल नदी में मिल जाती है।
- उज्जैन का महाकाल मंदिर इसी नदी के किनारे बसा है।
- नर्मदा - क्षिप्रा लिंक परियोजना मप्र की दूसरी नदी जोड़ो परियोजना है।
- काली सिंध :-
- उद्गम - देवास जिले के बगली गांव से।
- यह राजस्थान में चंबल नदी में मिल जाती है।
- देवास और सोनकच्छ इस नदी के किनारे स्थित है।
- कुल लंबाई - 150 किमी।
- पार्वती :-
- उद्गम - सीहोर जिले के अष्टा से।
- यह चंबल में मिल जाती है।
- अष्टा(सीहोर) , शाजापुर , राजगढ़ इसी के किनारे बसे है।
- तवा :-
- उद्गम - पचमढ़ी के महादेव पर्वत की कालीभीत पहाड़ी से।
- यह मप्र के होशंगाबाद की प्रमुख नदी है।
- इस पर होशंगाबाद के नज़दीक सबसे लंबा बांध तवा बांध (1322 मी.) स्थित है।
- नर्मदा तथा तवा के संगम पर मंधार जलप्रपात है।
- वैनगंगा :-
- उद्गम - सिवनी के परसवाड़ा पठार से।
- यह गोदावरी अपवाह तंत्र की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- सहायक नदियां - वर्धा , बाघ , बावनथड़ी , पेंच , कान्ह तथा थावर।
- यह सिवनी और बालाघाट की सीमा बनाती है।
- वर्धा :-
- उद्गम - बैतूल जिले के वर्धन शिखर से।
- यह दक्षिण की और बहते हुए वैनगंगा में मिल जाती है
- महाराष्ट्र में वर्धा और वैनगंगा के संगम को प्राणहिता कहते है।
- बिहड़ नदी :-
- उद्गम - रीवा पठार से।
- यह टोंस नदी में मिल जाती है।
- इस पर मध्यप्रदेश का दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात चचाई जलप्रपात (130 मी.) स्थित है, (पहला - बहुटी जलप्रपात 198 मी या 650 फीट है)।
- जोहिला नदी :-
- उद्गम - अमरकंटक की पहाड़ी से।
- सर्प के आकार में बहते हुए सोन नदी में मिल जाती है।
- पेंच नदी :-
- उद्गम - यह नदी छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा पहाड़ी से।
- यह वैनगंगा की सहायक नदी है।
- उर्मिल नदी :-
- उद्गम - छतरपुर से।
- यह केन नदी में मिल जाती है।
- कुंवारी नदी :-
- उद्गम : शिवपुरी पठार से।
- यह सिंध नदी में मिल जाती है।
मध्यप्रदेश की नदी के किनारे बसे प्रमुख नगर :
- नर्मदा : अमरकंटक , जबलपुर , मंडला , नरसिंहपुर , होशंगाबाद , पुनासा , हनुवंतियां(खंडवा) , बड़वानी , ओम्कारेश्वर , महेश्वर , बड़वाह।
- चंबल : महू , रतलाम , मंदसौर , श्योपुर , मुरैना , नागदा।
- ताप्ती : मुल्ताई , बैतूल , बुरहानपुर , नेपानगर।
- बेतवा : विदिशा , सांची , ओरछा , गुना।
- क्षिप्रा : उज्जैन।
- कालीसिंध : देवास सारंगपुर।
- पार्वती : राजगढ़ , शाजापुर , अष्टा।
- तवा। : तवानगर , पचमढ़ी।
- माही। : धार।
- वैनगंगा : बालाघाट।
- सिंध : दतिया , शिवपुरी।
- शिवना : मंदसौर।
- खान : इंदौर।
- बिछिया : रीवा।
मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात :
जलप्रपात नदियां/स्थान
- कपिलधारा : नर्मदा (अनूपपुर)
- दुग्धधारा : नर्मदा (अनूपपुर)
- धुंआधार : नर्मदा (भेड़ाघाट) / जबलपुर
- सहस्त्रधारा : नर्मदा (महेश्वर)
- मंधार : नर्मदा (खंडवा)
- दर्दी : नर्मदा (खंडवा)
- चचाई : बीहड़ (रीवा)
- केवटी : बीहड़ (रीवा)
- बहुटी : बीहड़ (रीवा)
- चूलिया : चंबल (मंदसौर के निकट राजस्थान)
- पातालपानी : चंबल (इंदौर)
- राहतगढ़ : बीना (सागर)
- भालकुंड : बीना (सागर)
- अप्सरा : पचमढ़ी
- डचेसफाल : पचमढ़ी
- रजत : पचमढ़ी
- पांडव : पन्ना (केन नदी)
अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो हमारी ऐसी ही ओर पोस्ट को देखिए और अपने सुझाव comments section में दीजिए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubt please let me know