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मध्यप्रदेश में परिवहन

 मध्यप्रदेश में सड़क परिवहन

मध्यप्रदेश सड़क परिवहन
मध्यप्रदेश सड़क परिवहन

  • सड़को की दृष्टि से मप्र का देश में 15 वाँ स्थान है।
  • मप्र का सर्वाधिक लंबा पुल तवा नदी पर होशंगाबाद जिले में है।
  • मप्र में सर्वाधिक सड़के सीधी जिले में है, जबकि सबसे कम झाबुआ जिले में है।
  • सड़को का सर्वाधिक घनत्व सतना में, जबकि न्यूनतम श्योपुर में है।
  • मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की स्थापना वर्ष 1 जून 1962 में की गई थी, जिसे वर्तमान में समाप्त कर दिया गया है।
  • मप्र आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार राज्य से गुजरने वाले 46 राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई 8010 किमी है।
  • मप्र का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3 (आगरा-मुंबई - 717 किमी) है।
  • मप्र का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग 339बी न्यू (बमिथा से खजुराहो - 9 किमी) है।
  • मप्र के दो सबसे छोटे राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमशः NH-76 (30 किमी) तथा NH-27 (52 किमी)
  • वाराणसी - कन्याकुमारी राष्ट्रीय राजमार्ग NH-7 की प्रदेश में लंबाई 511 किमी है, जो प्रदेश का दूसरा बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग है।
  • मप्र में प्रांतीय या राजकीय राजमार्गो की संख्या 48 है।
  • प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना (वर्ष 2000 से अटल बिहारी बाजपेई द्वारा प्रारंभ) में मप्र पहले स्थान पर है।
  • मप्र का सबसे लंबा राज्य राजमार्ग SH-19 {जेतपुर(UP) - छिंदवाड़ा} 743 किमी है।
  • दूसरा सबसे लंबा राज्य राजमार्ग SH-26 {चिल्पी (छत्तीसगढ़) - बड़ोदरा (गुजरात)} 692.2 किमी है।
  • राज्य का सबसे छोटा राज्य राजमार्ग SH-39(A) (झाबुआ में थांदला से कुशलगढ़) 22 किमी है।
  • मप्र में सड़क राजमार्गो का चौराहा ब्यावरा (राजगढ़) है।
  • महिलओं के लिए निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की योजना 28 दिसंबर 2015 से प्रारंभ की गई।
  • NH-3 : मप्र में NH-3 मुरैना , ग्वालियर (घाटीगांव) , शिवपुरी (कोलारस) , गुना , राजगढ़ (ब्यावरा , सारंगपुर) , शाजापुर , देवास , इंदौर , महू , खरगोन , ठीकरी , जुलवानिया एवं सेंधवा से गुजरता है।
  • NH-7 : मप्र में NH-7 रीवा , सतना (मैयर , अमरपाटन) , कटनी (मुरवारा) , सीहोर , जबलपुर , लखनादौन एवं सिवनी से होकर गुजरता है।
  • प्रदेश में बढ़ते हुए वाहनों के पंजीयन की स्थिति को देखते हुए परिवहन नीति 2010 लाई गई।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना :- इसका प्रारंभ 2000 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई द्वारा किया गया। इसके अंतर्गत सामान्य क्षेत्र में 500 या इससे अधिक तथा आदिवासी क्षेत्रों में 250 या इससे अधिक जनसंख्या वाले संपर्क विहीन गांवों को बारह मासी सड़को से जोड़ना है।
  • मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना :- 1 जनवरी 2014 को इस योजना को प्रारंभ किया गया जिसका उद्देश्य किसानों के घर से उनके खेतों तक सड़क बनाना है जिससे किसानों को उनके खेतों तक पहुंचने में सुगमता होगी।
  • वर्ष 2017-18 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य की अर्थव्यवस्था में परिवहन क्षेत्र का 2.86 % योगदान है।
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मध्यप्रदेश में रेल परिवहन
  • प्रदेश में सबसे पहले रेल मार्ग 1865 में इलाहबाद से जबलपुर बनाया गया तथा 1867 में रेल चलना प्रारंभ हुई।
  • भारत के 18 (18th zone - दक्षिण तटीय रेलवे) रेलवे जोनों में से एक मप्र में है।
  • मप्र में पश्चिम मध्य रेलवे जोन के नाम से जबलपुर में रेलवे जोन स्थापित किया गया है, जो 1 अप्रैल 2003 से कार्य कर रहा है।
  • रेलवे जंक्शन : मप्र के प्रमुख रेलवे जंक्शन - इटारसी, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, बीना, कटनी, रतलाम और उज्जैन है।
  • मप्र का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन इटारसी है।
  • मप्र में रेलवे की सेवाएं है - पश्चिम, पश्चिम-मध्य, मध्य, उत्तर-मध्य तथा दक्षिण-पूर्वी मध्य रेलवे
  • प्रदेश की रेलवे लाइन 05 जोन में आती है।
  • मप्र में रेल सेवा आयोग का मुख्यालय भोपाल में है।
  • मप्र के भोपाल एक्सप्रेस (भोपाल से दिल्ली) ISO-9001 प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाली देश की पहली ट्रेन है।
  • भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन को ISO-9001 प्रमाण पत्र प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है।
  • रेवांचल एक्सप्रेस को ISO-14001 प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
  • मप्र के बुधनी (सीहोर) में रेलवे स्लीपर बनाने का कारखाना है।
  • मप्र में रेलवे कोच रिपेयर फैक्ट्री भोपाल में है।
  • रेलवे इंजन निर्माण का कारखाना भोपाल में है।
  • 9 मार्च 2017 को हबीबगंज रेलवे स्टेशन देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन बन गया है, जिसे बंसल ग्रुप को प्रदान किया गया है।
  • मप्र सरकार द्वारा भोपाल और इंदौर (निर्माणाधीन) में मेट्रो रूट को मंजूरी दी गई है।
  • मप्र में रेलवे प्रतिष्ठान :
  1. इलेक्ट्रिक लोकोशेड (कटनी और इटारसी)
  2. डीजल लोकोशेड (कटनी और इटारसी)
  3. डीजल इंजन संयंत्र (इंदौर)
  4. रेल स्प्रिंग कारखाना (सिथौली , ग्वालियर)
  5. वैगन रिपेयर वर्कशॉप (सतना)
  6. रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (भोपाल)
  7. रेलवे रसोई घर (इटारसी)
  8. डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री (सीहोर)
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मध्यप्रदेश में वायु परिवहन
  • मप्र में 26 जुलाई 1949 में इंदौर से ग्वालियर के मध्य हवाई सेवा प्रारंभ हुई।
  • मप्र में 5 हवाई अड्डे है :
  1. भोपाल - राजाभोज हवाई अड्डा
  2. इंदौर - देवी अहिल्या बाई हवाई अड्डा
  3. जबलपुर - डुमना (रानी दुर्गावती हवाई अड्डा)
  4. ग्वालियर - राजमाता विजयाराजे सिंधिया हवाई अड्डा
  5. खजुराहो - खजुराहो सिविल (छत्रसाल एयरपोर्ट)
  • मप्र में खजुराहो , इंदौर एवं भोपाल हवाई अड्डे अंतरराष्ट्रीय सेवा से जुड़े है।
  • मप्र में कान्हा किसली एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है , जहां पर हवाई पट्टी है।
  • बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में हवाई पट्टी निर्माणाधीन है।
  • सुरक्षा बलों की हवाई पट्टीयां - टेकनपुर (ग्वालियर) और शिवपुरी (भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा बल)
  • राज्य में वायु सेवाएं इंडियन एयरलाइन्स, वायु दूत और सहारा एयरवेज से रही है।

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