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प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र

 प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र :-

  • हिमालयी नदी तंत्र की तुलना में प्रायद्वीपीय नदी तंत्र प्राचीन है। प्रायद्वीपीय भारत का सामान्य ढाल पश्चिम से पूर्व व दक्षिण-पूर्व की ओर है। यहां की अधिकांश नदियां पश्चिमी घाट से निकलकर पूर्व की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है, जैसे - महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि।
  • यहां उल्लेखनीय है कि नर्मदा और ताप्ती प्रायद्वीपीय भारत की दो ऐसी महत्वपूर्ण नदियां है, जो अपवाद स्वरूप पश्चिम की ओर बहते हुए अरब सागर में गिरती है। इसका महत्वपूर्ण कारण इन दोनों नदियों का भ्रंश घाटियों (Rift valley) से होकर बहना है।
  • पश्चिमी घाट की अरब सागर में गिरने वाली नदियां प्रायः एश्चुरी का निर्माण करती है, जैसे - नर्मदा, ताप्ती; जबकि बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां डेल्टा का निर्माण करती है।
  • प्रायद्वीपीय नदियों को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है-
  1. बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां।
  2. अरब सागर में गिरने वाली नदियां।

बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां :-

  1. गोदावरी :- गोदावरी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है। इसे वृद्ध गंगा कहा जाता है। गोदावरी का उद्गम पश्चिमी घाट के नासिक जिले की त्र्यंबक पहाडी से होता है । इसकी कुल लम्बाई 1465 किमी है । इसकी सहायक नदियों में उत्तर से मिलने वाली नदियों में वेनगंगा, पेनगंगा, वर्धा तथा दक्षिण से मिलने वाली नदियों में मंजरा प्रमुख है । गोदावरी का निचला डेल्टाईं क्षेत्र नाव्य योग्य हैँ । 
  2. कृष्णा :- यह प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी बडी नदी है, जो महाराष्ट के महाबलेश्वर से निकलकर दक्षिण-पूर्व दिशा में बहते हुए बंगाल की खाडी में गिरती है । इसकी कुल लम्बाई 1400 किमी है । इसकी प्रमुख सहायक नदियां कोयना, भीमा, तुंगभद्रा आदि हैं । कृष्णा नदी भी गोदावरी के समान डेल्टा का निर्माण करती है, जिसका डेल्टा गोदावरी से मिल गया है।
  3. कावेरी :- कावेरी नदी का उद्गम कर्नाटक के कुर्ग जिले की ब्रह्मगिरी की पहाडियों से होता है तथा पूर्व की ओर बहते हुए यह नदी बंगाल की खाडी में डेल्टा का निर्माण करते हुए गिरती है । इसकी कुल लम्बाई 805 किमी है । इसे दक्षिणी गंगा भी कहा जाता है, जबकि इसके प्रवाह क्षेत्र को राइस बाउल ऑफ साउथ इंडिया कहा जाता है । यह शिवसमुद्रम नामक जलप्रपात का निर्माण भी करती है । यहां उल्लेखनीय है कि कावेरी नदी के जल को लेकर केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा पाण्डिचेरी के मध्य विवाद है । प्रायद्वीपीय नदियों मे कावेरी एक ऐसी नदी है, जिसमें वर्षभर जल प्रवाह बना रहता है । इसका कारण ऊपरी क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून द्वारा तथा निचले क्षेत्र में उत्तर-पूर्वी मानसून द्वारा जल की आपूर्ति होना है । 
  4. महानदी :- महानदी का उद्गम छत्तीसगढ के रायपुर जिले की सिहावा नामक पहाडियों से होता है तथा यह पूर्व दिशा मे बहती हुई बंगाल की खाडी में गिरती है । इसकी कुल लम्बाई 858 किमी है । भारत की प्रसिद्ध हीराकुंड परियोजना इसी नदी पर स्थित है । 
  5. स्वर्ण रेखा :- स्वर्ण रेखा का उद्गम झारखण्ड के छोटा नागपुर के पठार से होता है तथा यह मैदिनीपुर के निकट बंगाल की खाडी में गिरती है । इसकी कुल लम्बाई 395 किमी है । 
  6. पेन्नार :- यह कर्नाटक के कोलार जिले की नन्दीदुर्ग पहाडी से निकलती है तथा पश्चिम की और बहते हुए बंगाल की खाडी में गिरती है । 
  7. वैगई :- यह नदी तमिलनाडु राज्य के मदुरई जिले से निकलती है तथा पाक की खाडी में गिरती है।
                     
प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली प्रायद्वुपीय नदियां


अरब सागर में गिरने वाली नदियां :-

  1. नर्मदा :- नर्मदा का उद्गम मध्य प्रदेश के अनूपपुर में स्थित मैकाल पर्वत की अमरकंटक चोटी से होता है । नर्मदा पश्चिम की ओर भ्रंश घाटी में बहते हुए तथा मध्य प्रदेश, महाराष्ट एबं गुजरात होते हुए खम्बात की खाडी में गिरती है। नर्मदा की कुल लम्बाई 1312 किमी है। अरब सागर में गिरने वाली प्रायद्वीपीय नदियों में यह सबसे बडी नदी है। अपने प्रवाह के क्रम मे यह नदी दुग्धधारा, कपिलधारा, सहस्त्रधारा, धुआंधार जैसे ज़लप्रपातों का निर्माण भी करती है। नर्मदा घाटी मे जबलपुर के निकट भेड़ाघाट में संगमरमर की विशाल चट्टानें प्राप्त होती हैं । यहां उल्लेखनीय है कि नर्मदा भारत की अन्य नदियों के समान डेल्टा का निर्माण न कर मुहाने पर एश्चुरी का निर्माण करती है । नर्मदा की सहायक नदियों में तवा, दुधी, शक्कर, हिरन, हथनी, शेर तथा बंजर प्रमुरव्र हैं।
  2. ताप्ती :- ताप्ती नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई नामक स्थान से होता है । यह नदी भी नर्मदा के समानान्तर भ्रंश घाटी में बहते हुए खम्बात की खाडी में गिरती है । यह सतपुडा एवं अजन्ता पर्वत के मध्य भ्रंश घाटी में बहती है । इसकी कुल लम्बाई 724 किमी है । इसकी प्रमुख सहायक नदी पूर्णा है।

  3. साबरमती :- साबरमती नदी का उद्गम राजस्थान की मेवाड़ पहाडियों से होता है तथा यह राजस्थान और गुजरात होते हुए खम्भात को खाडी में गिरती है । अहमदाबाद इसी नदी के तट पर स्थित है

  4. माही :- माही नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के धार जिले की विंध्य पहाडियों से होता है तथा यह नदी पश्चिम की ओर बहते हुए खम्बात की खाडी में गिरती है।

  5. लूनी :- लूनी नदी का उद्गम राजस्थान के अजमेर में स्थित अरावली की पहाड़ियों से होता है तथा यह पश्चिम की ओर बहते हुए कच्छ के रन में विलुप्त हो जाती है।

  6. शरावती :- शरावती नदी का उद्गम कर्नाटक के शिमोगा जिले से होता है तथा यह पश्चिम की ओर बहते हुए अरब सागर में गिरती है । प्रसिद्ध गरसोप्पा (जोग) जलप्रपात इसी नदी पर स्थित है।

  7. पेरियार :- पेरियार नदी का उद्गम केरल की अन्नामलाई की पहाडियों से होता है तथा यह नदी बेम्बानाद झील के उत्तर में अरब सागर में गिरती है।

          
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अरब सागर में गिरने वाली प्रायद्वीपीय नदियां




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