सिंधु नदी तंत्र :-
- सिंधु नदी तंत्र विश्व के विशालतम नदी तंत्रों में से एक है, जिसकी सबसे बड़ी नदी सिंधु है।
- इसके अंतर्गत सिंधु तथा उसकी सहायक नदियां झेलम , चिनाब , रावी , व्यास , सतलज आदि आती है।
- सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में स्थित मानसरोवर झील के निकट चेम्यांगडुंग ग्लेशियर से होता है।
- इसकी कुल लंबाई 2880 किमी है।
- सिंधु में दायीं ओर से मिलने वाली नदियों में श्योक , काबुल , कुर्रम आदि है।
- भारत तथा पाकिस्तान के मध्य 1960 ई. में हुए सिंधु जल समझौते के तहत सिंधु, झेलम तथा चिनाब के जलाधिकार पाकिस्तान को और इनकी तीन पूर्वी सहायक नदियों रावी , व्यास तथा सतलज के जलाधिकार भारत को दिए गए है।
- सिंधु नदी में बांयीं और से मिलने वाली पांच नदियां झेलम , चिनाब , रावी , व्यास और सतलज है।
- इन पांचों की संयुक्त धारा सिंधु नदी की मुख्य धारा में पाकिस्तान के मीठनकोट के पास मिलती है।
- सिंधु कराची के पूर्व में अरब सागर में मिल जाती है।
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सिंधु नदी तंत्र |
- झेलम सिंधु की सहायक नदी है जिसका उद्गम कश्मीर के वेरीनाग के निकट शेषनाग झील से होता है। यह नदी श्रीनगर के निकट वूलर झील से प्रवाहित होते हुए तथा भारत-पाकिस्तान की सीमा (मुजफ्फराबाद से मीरपुर) बनाते हुए पाकिस्तान में चिनाब से मिल जाती है।
- चिनाब नदी का उद्गम चन्द्र और भागा नाम की दो सरिताओ के रूप में हिमाचल प्रदेश के बड़ा लाचला दर्रे से होता है। चिनाब पाकिस्तान में सिंधु से मिल जाती है।
- रावी नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित रोहतांग दर्रे से होता है। यह पाकिस्तान में चिनाब नदी में मिल जाती है।
- व्यास नदी का उद्गम रोहतांग दर्रे के निकट व्यासकुंड से होता है। यह नदी कपूरथला के निकट हरिके नामक स्थान सतलज नदी से मिल जाती है। इसी स्थान पर एक हरिके बैराज का निर्माण किया गया है, जिससे भारत की सबसे लंबी नहर इंदिरा गांधी नहर निकाली गई है। इस नहर को राजस्थान की मरू गंगा भी कहा जाता है।
- सतलज नदी का उद्गम मानसरोवर के निकट राकसताल/राक्षसताल से होता है और यह शिपकिला दर्रे से होकर भारत में प्रवेश करती है। यह नदी पाकिस्तान में चिनाब नदी में मिल जाती है।
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