पृथ्वी की आंतरिक संरचना :-
तापमान , दबाव , घनत्व , उल्काओ , एवम् भूकंपीय तरंगों पर आधारित प्रमाणों को एकत्रित करके पृथ्वी की आंतरिक संरचना के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के प्रयास किए गए है।
![]() |
पृथ्वी की आंतरिक संरचना |
पृथ्वी की आंतरिक संरचना को 3 भागो में बांटा गया है-
- भू - पर्पटी (Crust) :- पृथ्वी के सबसे ऊपरी भाग को crust कहते है। यह अंदर की तरफ 0 से 100 किमी तक का क्षेत्र है। यह मुख्यतः बेसाल्ट चट्टानों का बना है। इसका औसत घनत्व 2.7 ग्राम/घन सेमी है। यह पृथ्वी के कुल आयतन का 0.5 % भाग है। पृथ्वी का यह भाग मुख्य रूप से सिलिका (Si) तथा एल्युमिनियम (Al) का बना है , इसलिए इसे SiAl भी कहते है।
- मैंटल(Mantle) :- यह क्षेत्र 2900 किमी मोटा है , यह मख्यतः बेसाल्ट पत्थरो के समूह की चट्टानों से निर्मित है। मेंटल के इस हिस्से में मैग्मा चेंबर पाए जाते है। इसका औसत घनत्व 3.5 से 5.5 ग्राम / घन सेमी है। यह पृथ्वी के कुल आयतन का 83% भाग घेरे हुए है। पृथ्वी का यह भाग सिलिका (Si) तथा मैग्नीशियम (Ma) का बना हुआ है , इसलिए इसे SiMa भी कहते हैं।
- क्रोड(core) :- पृथ्वी का केन्द्रीय भाग Core कहलाता है। इसका औसत घनत्व 13 ग्राम / घन सेमी है। यह संभवतः द्रव अवस्था में है। यह पृथ्वी के कुल आयतन का 16% भाग घेरे हुए है। पृथ्वी का यह भाग निकेल(Ni) तथा फेरस(Fe) का बना हुआ है इसलिए इसे NiFe भी कहते हैं।
- पृथ्वी का औसत घनत्व 5.5 ग्राम / घन सेमी है।
- पृथ्वी के नीचे प्रति 32 मी. गहराई पर जाने पर 1°C तापमान में वृद्धि होती है।
पृथ्वी की परतों के बीच स्थित सीमा क्षेत्र :-
- कोनराड असंबद्धता - ऊपरी क्रस्ट एवम् निचले क्रस्ट के मध्य।
- मोहविसिक असंबद्धता - क्रस्ट एवम् मेंटल के मध्य।
- रेपेटी असंबद्धता - ऊपरी मेंटल एवम् निचले मेंटल के मध्य।
- गुटेनबर्ग असंबद्धता - मेंटल एवम् क्रोड़ के मध्य।
- लहमैन असंबद्धता - बाह्य क्रोड़ एवम् आंतरिक क्रोड़ के मध्य।
अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो हमारी ऐसी ही ओर पोस्ट को देखिए और अपने सुझाव comments section में दीजिए।
अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो हमारी ऐसी ही ओर पोस्ट को देखिए और अपने सुझाव comments section में दीजिए।
Net ke liye very good h nice post
जवाब देंहटाएं