मध्यप्रदेश के प्रमुख दर्शनीय एवं प्राकृतिक स्थल :-
- बेसनगर (विदिशा) :-
- यूनानी राजा एंटियाल किट्स ने अपने राजदूत हेलियोडोरस को विदिशा भेजा , उसने गरुड़ अंकित स्तंभ लगवाया।
- इसे खम्बा बाबा भी कहते है।
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| गरुड़ स्तंभ/खंबा बाबा , विदिशा |
- उदयपुर (गंजबासौदा (विदिशा)) :- नीलकण्ठेश्वर मंदिर (परमार वंश)।
- ग्यारसपुर (विदिशा) :- मालादेवी मंदिर व त्रिपुर सुंदरी प्रतिमा।
- बीज मंडल (विदिशा)
- अमरकंटक (अनूपपुर) :-
- लगभग 1057 मी. ऊंचाई पर स्थित कपिल धारा एवं दुग्ध धारा प्रपात।
- नर्मदा कुंड , माई की बगिया , कबीर चौरा , नव ग्रह मंदिर , आदिनाथ मंदिर , सोन मुड़ा , सांई का मंदिर।
- 2005 में पवित्र नगर घोषित।
- चित्रकूट (सतना) :-
- कामदगिरि अनुसुईया आश्रम , भरत कूट तथा हनुमान धारा यही स्थित है।
- यहां गधों का मेला लगता है।
- 2005 में पवित्र नगर घोषित।
- मैहर (सतना) :-
- संगीतकार अलाउद्दीन खां की कर्मभूमि तथा शारदा मां का मंदिर।
- 2005 में पवित्र नगर घोषित।
- सांची स्तूप (रायसेन) :-
- सम्राट अशोक द्वारा निर्मित
- 1989 से युनेस्को की सूची में शामिल।
- बौद्ध तीर्थ स्थल।
- बड़ा स्तूप 36.5 मी. व्यास तथा ऊंचाई 16.4 मी. है।
- स्तूप की रैलिंग शुंगो ने बनवाई है।
- स्तूप संख्या 03 में मोग्लायान और सारिपुत्र की अस्थियां रखी है।
- स्तूप संख्या 01 को महास्तूप या द ग्रेट स्तूप कहा जाता है।
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| सांची स्तूप, रायसेन |
- उज्जैन :-
- क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित।
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, जंतर - मंतर, चिंतामणि गोपालजी का मंदिर, संदीपनी आश्रम, मंगलनाथ मंदिर, भृतहरि गुफा।
- यहां 12 वर्षों में कुंभ का मेला लगता है।
- 2005 में पवित्र नगर घोषित।
- यहां वैश्या टेकरी स्तूप है।
- ओम्कारेश्वर (खंडवा) :-
- नर्मदा नदी के तट पर स्थित।
- ओंकार मांधाता का मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, 24 अवतार सममात्रिक मंदिर, गोरी सोमनाथ मंदिर।
- शंकराचार्य की गुफ़ाएं है।
- 2005 में पवित्र नगर घोषित।
- बावनगजा (बड़वानी) :- जैन स्थल 15 वीं शताब्दी की 84 फीट ऊंची ऋषभदेव (आदिनाथ) की मूर्ति।
- खजुराहो (छतरपुर) :-
- 1986 में यूनेस्को की सूची में शामिल।
- यहां कंदरिया महादेव मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, आदिनाथ मंदिर, नंदी मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर आदि है।
- यह चंदेल वंश के राजाओं द्वारा बनवाए गए मंदिरों की श्रंखला है।
- यहां हवाई सेवा उपलब्ध है।
- बांदकपुर (दमोह) :- हिन्दू तीर्थ स्थल है।
- कुंडलपुर (दमोह) :- जैन तीर्थ स्थल है।
- नोहटा (दमोह) :- यह नगर प्राचीन शिव मंदिर तथा जैन मंदिर के अवशेषों हेतु विख्यात है।
- पचमढ़ी (होशंगाबाद) :-
- यहां अप्सरा विहार, जटाशंकर, पांडव की गुफ़ाएं, प्रियदर्शनी प्वाइंट, धूपगढ़, चौरागढ़ एवं महादेव पर्वत है।
- सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ 1350 मी. है।
- इसे सतपुड़ा की रानी एवं मप्र का कश्मीर कहा जाता है।
- बांधवगढ़ (उमरिया) :- किला व राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
- चंदेरी किला (अशोकनगर) :- यहां खूनी दरवाजा, धोवन मठ जैसे स्थल है।
- पशुपति नाथ मंदिर (मंदसौर) :-
- 1982 में मंदिर का निर्माण हुआ।
- सूर्य मंदिर मंदसौर में है।
- सोनागिरि (दतिया) :- जैन धर्म से संबंधित 108 मंदिर है।
- गोम्मतगिरि (इंदौर) :- भगवान बाहुबली की 27 फीट ऊंची खड़गासन प्रतिमा।
- पीताम्बर पीठ (दतिया) :- शक्तिपीठ।
- मांडू (धार) :- यहां जहाज महल, हिंडोला महल, रानी रूपमती का महल, बाजबहादुर महल, अशरफी महल आदि स्थित है।
- भेड़ाघाट प्रपात (जबलपुर) :-
- यह 18 मी. ऊंचा जल प्रपात है।
- भृगु ऋषि ने यही तपस्या की थी।
- बंदर कुदनी और चौसठ योगनियों के मंदिर है।
- चचाई जलप्रपात (रीवा) : 130 मी. ऊंचा , मप्र का दूसरा सबसे बड़ा जल प्रपात (पहला - बहुटी जल प्रपात (198 मी./650 फीट))
- महेश्वर (खरगोन) :-
- यहां पर सहस्त्र धारा जलप्रपात है।
- अहिल्याबाई होलकर ने इसे अपनी राजधानी बनाया था।
- पावागिरि (खरगोन) :- 99 जैन मंदिर, दिगम्बर जैनों का तीर्थ है।
- पुष्पगिरि (देवास) :- जैनों का तीर्थ स्थल है।
- भरहूत स्तूप (सतना) :- बौद्ध स्तूप के साक्ष्य मिले है।
- ओरछा (निवाड़ी) :-
- यह बेतवा नदी के किनारे स्थित दर्शनीय स्थल है।
- इसकी स्थापना बुंदेला शासक रुद्र प्रताप ने की थी।
- यहां राजाराम मंदिर, चतुर्भुज महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, हरदौल महल, चंद्रशेखर आजाद की साधना स्थली है।
- भोपाल :-
- भोपाल नगर परमारवंशी राजाभोज ने बसाया था।
- दर्शनीय स्थल - ताज-उल-मस्जिद , जामा मस्जिद, लक्ष्मीनारायण मंदिर, बिड़ला संग्रहालय, भारत भवन, इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, बड़ी व छोटी झील ।
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